लेखनी कहानी -28-Nov-2022
Gaza
दिलो के ताने बाने हो गए हैं।
बुढ़ापे में दीवाने हो गए हैं।।
वफ़ा के आशियाने हो गए हैं।
दिलो मे अब ठिकाने हो गए हैं।।
तुम्हारे नाम का चर्चा चला है।
सरे महफ़िल फ़साने हो गए हैं।।
हमें लैला ने कूटा है बहुत पर।
उसी के हम दीवाने हो गए हैं।।
मुझे आँखें दिखाने है लगे अब।
मेरे बच्चे सियाने हो गए हैं।।
नई पीढ़ी से लेंगे मशवरा हम।
मुहब्बत हम पुराने हो गए हैं।।
तरसती दीद को मेरी निगाहें।
तुझे देखें ज़माने हो गए हैं।।
नज़र का तीर हम पर ही चलेगा।
नज़र के दिल निशाने हो गए हैं।।
कहो गोपाल कैसे हो कहो तुम।
नए क्या क्या फ़साने हो गए हैं।।
Goapl Gupta "Gopal"
Khan
28-Nov-2022 08:42 PM
Very nice 👍💐
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Gunjan Kamal
28-Nov-2022 06:44 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Haaya meer
28-Nov-2022 05:40 PM
Amazing
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